- कोहरे में भी नहीं थमी भक्ति! भक्ति और उत्साह से हुआ मध्यप्रदेश में नए साल का स्वागत...
- भस्म आरती: उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में नववर्ष का उत्सव, बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार कर चढ़ाई गई भस्म!
- साल के आखिरी दिन महिदपुर में पसरा मातम: उज्जैन के पास महिदपुर रोड पर पिकअप पलटी, तीन की मौत; कई घायल
- भस्म आरती: तड़के चार बजे जय श्री महाकाल की गूंज से गूंजा उज्जैन, रजत त्रिशूल डमरू और रुद्राक्ष की माला अर्पित कर किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार!
- नाथ ने पूजे भोलेनाथ! केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह पहुंचे उज्जैन, श्री महाकालेश्वर भगवान के किए दर्शन
बनारस की तर्ज पर होशंगाबाद में नर्मदा की महाआरती में उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
देव दिवाली की कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर प्रदेश की पवित्र नदियों में श्रद्धालुओं ने स्नान किया। शाम को दीपदान किया गया। होशंगाबाद में नर्मदा नदी के सेठानी घाट पर मां नर्मदा की महाआरती हुई। इसे देखने के लिए दो हजार से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे। यहां वाराणसी में गंगा नदी की तर्ज में महाआरती आयोजित की गई। रात 8:15 बजे नर्मदाष्टक के साथ मां नर्मदा की आरती शुरू हुई। इसके अलावा, उज्जैन में शिप्रा नदी के तट पर लोगों ने दीपदान किया।
कार्तिक पूर्णिमा के मौके प्रशासन ने मेले पर रोक लगा रखी थी। सुबह से श्रद्धालुओं ने सेठानी घाट के अलावा दूसरे घाटों पर पहुंचकर स्नान किया। शाम को महाआरती में शामिल होकर दीपदान भी किया।
उज्जैन में भी दीपदान
हजारों की संख्या में श्रद्धालु शिप्रा नदी के किनारे रामघाट पर पहुंचे और दीपदान किया। शुक्रवार शाम से शुरू हुआ यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा। रामघाट के अलावा सिद्धवट, मंगलनाथ और त्रिवेणी घाट पर भी दीपदान किया गया। कई श्रद्धालुओं ने शिप्रा में स्नान भी किया।
इससे पहले ग्रामीणों ने वैकुंठ चतुर्दशी पर सिद्धनाथ घाट पर स्नान कर तर्पण व पूजन किया था। इसके बाद रामघाट समेत अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं ने कार्तिक पूर्णिमा का स्नान किया। स्नान के बाद घाट पर बैठे पंडे-पुजारियों ने पूजन करवाया और दान किया। कार्तिक पूर्णिमा पर पवित्र नदी में सुबह स्नान के साथ ही शाम को दीपदान का भी पौराणिक महत्व है। मान्यता के अनुसार वैकुंठ चतुर्दशी पर पूर्वज वैकुंठ की ओर जाते हैं। रास्ते में रोशनी के लिए नदी में दीप छोड़े जाते हैं।